नमस्कार दोस्तों , मैं अर्पण आपसे बात करूंगा व्यक्तित्व विकास के बारे में. यह मेरा पहला ब्लॉग है आशा रखता हूं आपको यह ब्लॉग अच्छा लगे.
व्यक्तित्व का अर्थ:
व्यक्तित्व को अंग्रेजी में personality कहते है. Personality शब्द पर persona से बना है. जिसका अर्थ होता है मोहरा. यूनानी लोग जब नाटक खेलने मंच पर उतरते थे तब एक प्रकार का मोहरा पहनते थे. इस मोहरे पहनने से लोगों पर एक प्रभाव होता था. और इस प्रभाव शक्ति को ही बोलते हैं व्यक्तित्व.
व्यक्तित्व शब्द व्यक्ति से बना है और व्यक्ति ही उसको व्यक्त करता है. अगर आसान भाषा में कहें तो व्यक्त करने वाली व्यक्ति और व्यक्त करने की रीत यानी कि व्यक्तित्व.
व्यक्त करने की रीत हर एक मनुष्य की अलग अलग होती है. जैसे जो व्यक्ति के चेहरे एक समान नहीं होते वैसे ही दो व्यक्तियों का व्यक्तित्व ऐसा नहीं होता. इसका मतलब यह हुआ की दुनिया में जितने प्रकार के व्यक्ति हैं उतने ही प्रकार के व्यक्तित्व हैं.
लेकिन आज हम के दो रूप देखने वाले हैं.
एक बाहरी व्यक्तित्व - outer personality
बाहरी व्यक्तित्व घर से अपनाए गए कृत्रिम प्रभाव आधारित है. ऐसी व्यक्ति कई बार अंदर से ठीक उल्टी ही देखने को मिलती है. ऐसा व्यक्तित्व वाले लोग अच्छे अच्छे कपड़े पहनते हैं. कृषक बनाने के लिए सौंदर्य प्रसाधन का उपयोग करते हैं. उन्हें कृत्रिम हाव भाव और मीठा मीठा बोलना पसंद होता है. उन्हें अलग दिखने की बहुत ही तीव्र इच्छा होती है. ऐसे व्यक्तित्व वाले जरूर एक क्षणिक प्रभावशाली होते हैं.
आंतरिक व्यक्तित्व - inner personality
गून सापेक्ष, सूक्ष्म, और कुदरती. आंतरिक व्यक्तित्व अंदरूनी व्यक्तित्व भी हम बोल सकते हैं. यह व्यक्तित्व की संपत्ति है. इसमें कृत्रिम तो नहीं होती. परंतु आंतरिक वास्तविकता की अभिव्यक्ति होती है. आंतरिक व्यक्तित्व व्यक्ति सहज मानवीय गुणों और जन्मजात प्रतिभा आधारित होता है.
आजकल के लोग बाहरी सुंदरता को ही व्यक्तित्व मानने लगे हैं. बनावती रूप से उड़ी हुई सुंदरता व्यक्तित्व के वास्तविक रूप से दूर है.
व्यक्तित्व तीन तरह की शक्तियों से बनता है
एक . आकर्षण की शक्ति.- शारीरिक 20%
दो. अभिव्यक्ति की शक्ति- वाचिक 50%
तीन. प्रभाव की शक्ति- मानसिक 30%
तो इन शक्तियों के बारे में मैं बात करूंगा आपसे अगले हफ्ते रविवार के दिन .
धन्यवाद.
व्यक्तित्व का अर्थ:
व्यक्तित्व को अंग्रेजी में personality कहते है. Personality शब्द पर persona से बना है. जिसका अर्थ होता है मोहरा. यूनानी लोग जब नाटक खेलने मंच पर उतरते थे तब एक प्रकार का मोहरा पहनते थे. इस मोहरे पहनने से लोगों पर एक प्रभाव होता था. और इस प्रभाव शक्ति को ही बोलते हैं व्यक्तित्व.
व्यक्तित्व शब्द व्यक्ति से बना है और व्यक्ति ही उसको व्यक्त करता है. अगर आसान भाषा में कहें तो व्यक्त करने वाली व्यक्ति और व्यक्त करने की रीत यानी कि व्यक्तित्व.
व्यक्त करने की रीत हर एक मनुष्य की अलग अलग होती है. जैसे जो व्यक्ति के चेहरे एक समान नहीं होते वैसे ही दो व्यक्तियों का व्यक्तित्व ऐसा नहीं होता. इसका मतलब यह हुआ की दुनिया में जितने प्रकार के व्यक्ति हैं उतने ही प्रकार के व्यक्तित्व हैं.
लेकिन आज हम के दो रूप देखने वाले हैं.
एक बाहरी व्यक्तित्व - outer personality
बाहरी व्यक्तित्व घर से अपनाए गए कृत्रिम प्रभाव आधारित है. ऐसी व्यक्ति कई बार अंदर से ठीक उल्टी ही देखने को मिलती है. ऐसा व्यक्तित्व वाले लोग अच्छे अच्छे कपड़े पहनते हैं. कृषक बनाने के लिए सौंदर्य प्रसाधन का उपयोग करते हैं. उन्हें कृत्रिम हाव भाव और मीठा मीठा बोलना पसंद होता है. उन्हें अलग दिखने की बहुत ही तीव्र इच्छा होती है. ऐसे व्यक्तित्व वाले जरूर एक क्षणिक प्रभावशाली होते हैं.
आंतरिक व्यक्तित्व - inner personality
गून सापेक्ष, सूक्ष्म, और कुदरती. आंतरिक व्यक्तित्व अंदरूनी व्यक्तित्व भी हम बोल सकते हैं. यह व्यक्तित्व की संपत्ति है. इसमें कृत्रिम तो नहीं होती. परंतु आंतरिक वास्तविकता की अभिव्यक्ति होती है. आंतरिक व्यक्तित्व व्यक्ति सहज मानवीय गुणों और जन्मजात प्रतिभा आधारित होता है.
आजकल के लोग बाहरी सुंदरता को ही व्यक्तित्व मानने लगे हैं. बनावती रूप से उड़ी हुई सुंदरता व्यक्तित्व के वास्तविक रूप से दूर है.
व्यक्तित्व तीन तरह की शक्तियों से बनता है
एक . आकर्षण की शक्ति.- शारीरिक 20%
दो. अभिव्यक्ति की शक्ति- वाचिक 50%
तीन. प्रभाव की शक्ति- मानसिक 30%
तो इन शक्तियों के बारे में मैं बात करूंगा आपसे अगले हफ्ते रविवार के दिन .
धन्यवाद.